फास्टैग पेनल्टी से बचना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है, क्योंकि 17 फरवरी से नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर आपके फास्टैग वॉलेट में बैलेंस कम है, भुगतान में देरी होती है या आपका टैग ब्लैकलिस्टेड है, तो आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इन बदलावों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में।
फास्टैग पेनल्टी के नए नियम
अगर आपका फास्टैग 60 मिनट से ज्यादा समय तक इनएक्टिव रहता है और फिर आप टोल प्लाजा पार करते हैं, तो आपका ट्रांजैक्शन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसी तरह, टोल क्रॉस करने के 10 मिनट बाद तक भी अगर फास्टैग एक्टिव नहीं हुआ, तो आपको पेनल्टी चुकानी होगी। इन दोनों स्थितियों में आपको एरर कोड 176 दिखेगा, जो फास्टैग ट्रांजेक्शन फेल होने का संकेत है।
इसके अलावा, अगर टोल प्लाजा पर आपके वाहन के गुजरने के 15 मिनट बाद ट्रांजैक्शन प्रोसेस होता है, तो आपको अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है। लेकिन अगर आपके फास्टैग अकाउंट में बैलेंस नहीं है और फिर भी भुगतान में देरी हुई है, तो इस स्थिति में टोल ऑपरेटर जिम्मेदार होगा। यदि आपके खाते से गलत तरीके से पैसा कटता है, तो आप 15 दिनों की वेटिंग पीरियड के बाद डिस्प्यूट दर्ज कर सकते हैं।
फास्टैग पेनल्टी से कैसे बचें?
- फास्टैग बैलेंस बनाए रखें – हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस हो। कम बैलेंस की वजह से ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है और आपको अनावश्यक दंड चुकाना पड़ सकता है।
- समय पर भुगतान सुनिश्चित करें – अगर आपके फास्टैग से टोल राशि कटने में 15 मिनट से ज्यादा की देरी होती है, तो अतिरिक्त शुल्क लग सकता है। इसलिए अपने ट्रांजैक्शन टाइम पर नजर रखें और समय पर भुगतान करें।
- फास्टैग स्टेटस चेक करें – कई बार, इनएक्टिव फास्टैग की वजह से भुगतान में समस्या हो सकती है। इसे रोकने के लिए समय-समय पर अपने फास्टैग की सक्रियता स्थिति जांचते रहें और जरूरत पड़ने पर इसे अपडेट करवाएं।