भगवान का अपमान? OYO के विवादित विज्ञापन से मचा बवाल, बायकॉट की मांग तेज!

विज्ञापन के वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स ने ओयो पर धार्मिक भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। देखते ही देखते #BoycottOYO ट्रेंड करने लगा। कई लोगों ने इसे ओयो की मार्केटिंग रणनीति बताया, जिसमें जानबूझकर विवाद पैदा किया गया ताकि कंपनी सुर्खियों में बनी रहे। धार्मिक मुद्दों को प्रचार का माध्यम बनाना जनता को पसंद नहीं आया, और ओयो के बहिष्कार की मांग तेज हो गई।

Oyo ने दी सफाई, लेकिन लोगों का गुस्सा बरकरार

बवाल बढ़ता देख ओयो होटल की ओर से सफाई पेश की गई। कंपनी ने कहा कि इस विज्ञापन का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि भारत में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना था। ओयो ने यह भी बताया कि इस साल के अंत तक वे 12 प्रमुख तीर्थ स्थलों पर 500 नए होटल खोलने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, लोगों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है और वे इस विज्ञापन को गलत बता रहे हैं।

यह पहली बार नहीं है जब किसी ब्रांड ने विवादित विज्ञापन के जरिए सुर्खियां बटोरी हों। इससे पहले भी कई कंपनियां ऐसे प्रचार कर चुकी हैं, लेकिन धर्म से जुड़े मामलों में जनता कोई समझौता नहीं करती। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि व्यापार करने का मतलब यह नहीं कि धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया जाए। एक यूजर ने लिखा, “धंधा कभी भी धर्म से बड़ा नहीं हो सकता, आस्था का सम्मान जरूरी है।”

क्या Oyo को होगा नुकसान?

धार्मिक भावनाओं से जुड़े विवादों का असर सीधा ब्रांड की साख पर पड़ता है। यदि लोगों की नाराजगी इसी तरह बनी रही तो ओयो को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। पहले भी कई बड़े ब्रांड धार्मिक मुद्दों पर विवादों में फंस चुके हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ओयो के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि वह स्थिति को संभालने के लिए कोई ठोस कदम उठाए।

ओयो होटल के इस विज्ञापन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। धार्मिक भावनाओं से जुड़े मामलों में जनता हमेशा सतर्क रहती है और किसी भी ब्रांड को यह समझना चाहिए कि उनकी मार्केटिंग रणनीति कहीं उन्हें भारी न पड़ जाए। यदि ओयो ने समय रहते सही कदम नहीं उठाए, तो इसका असर उनकी ब्रांड वैल्यू और बिजनेस पर पड़ सकता है।

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