गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग क्यों उठी?
गाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ एक महत्वपूर्ण शहर है, जो एनसीआर क्षेत्र में आता है। पार्षद ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि गाजियाबाद का नाम इतिहास से जुड़ा है और इसे एक लुटेरे के नाम पर रखा गया था। उन्होंने कहा कि गाजी उद्दीन ने इस क्षेत्र पर कब्जा किया और यहां के लोगों को परेशान किया। पार्षद का दावा है कि आज भी गाजी उद्दीन के वंशज यहां कई गलत गतिविधियों में शामिल हैं, जिससे इस शहर की छवि खराब हो रही है। इसी वजह से उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस शहर का नाम बदला जाए।
पीएम मोदी और सीएम योगी को चिट्ठी, क्या होगा फैसला?
ओम प्रकाश सिंह ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद का नाम बदलना समय की मांग है और इससे शहर की ऐतिहासिक छवि को सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह बदलाव जरूरी है ताकि इस शहर को एक नई पहचान मिले और लोगों में गर्व की भावना जागृत हो।
इससे पहले भी यूपी में कई जगहों के नाम बदले गए हैं, जैसे इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या किया गया था। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है।
क्या सच में बदल सकता है गाजियाबाद का नाम?
हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जिस तरह से इस मांग को लेकर चर्चा तेज हो रही है, उससे साफ है कि यह मामला आगे बढ़ सकता है। गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों की भी अलग-अलग राय सामने आ रही है। कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि नाम बदलने की बजाय शहर के विकास पर ध्यान देना जरूरी है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इस प्रस्ताव पर क्या कदम उठाती है और क्या गाजियाबाद का नाम सच में बदलेगा या नहीं। इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।