दाऊद यूनिवर्सिटी में होली पर रोक! हिंदुओं के त्योहार पर बड़ा विवाद

Dawood University Karachi: पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला कराची की दाऊद यूनिवर्सिटी से सामने आया है, जहां हिंदू छात्रों द्वारा होली बंद करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छात्रों ने जब होली मनाई, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इतना ही नहीं, हिंदू छात्रों पर एफआईआर भी दर्ज कर दी गई। यह खबर पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

होली खेली, तो नोटिस जारी!

दाऊद यूनिवर्सिटी के हिंदू छात्रों ने होली का त्योहार मनाया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। होली बंद करने के इस कदम से हिंदू छात्रों में नाराजगी फैल गई है। छात्रों का कहना है कि पाकिस्तान में पहले से ही हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है और ऐसे में धार्मिक त्योहारों पर इस तरह की पाबंदी लगाना अन्यायपूर्ण है।

इस पूरे मामले में प्रशासन ने छात्रों से पूछा कि उन्होंने होली क्यों खेली? इसके बाद विवाद और बढ़ गया। यूनिवर्सिटी ने होली खेलने को अनुशासनहीनता करार देते हुए कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की कोई जगह नहीं बची है?

FIR के बाद डर में हिंदू छात्र

होली जैसे शुभ त्योहार को लेकर विवाद सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हिंदू छात्रों पर एफआईआर तक दर्ज कर दी गई। इस घटना से छात्रों में दहशत का माहौल है। वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अब सार्वजनिक रूप से अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने से भी डर रहे हैं। होली बंद करने का यह फैसला पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव को उजागर करता है।

छात्रों का कहना है कि वे सिर्फ अपने धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक को मना रहे थे। होली और दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार माने जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में इन्हें मनाने पर रोक लगाने जैसी घटनाएं अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सवाल उठाती हैं।

धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल

इस मामले ने पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बहस छेड़ दी है। हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें बार-बार धार्मिक आधार पर निशाना बनाया जाता है। होली बंद करने का यह फैसला केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं को कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे सकता है। भारत समेत कई देशों में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर पाकिस्तान की नीतियों पर पहले भी सवाल उठाए जा चुके हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।

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