एलन मस्क टेस्ला की भारत में भर्ती शुरू, 2025 में लॉन्च करेगी मॉडल

एलन मस्क की टेस्ला जल्द ही भारत में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। कंपनी ने मुंबई में अपनी पहली स्टोर की शुरुआत के संकेत देते हुए वेबसाइट पर 13 नई नौकरी की रिक्तियां जारी की हैं। इससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि टेस्ला की भारतीय बाजार में एंट्री 2025 में हो सकती है।

टेस्ला का भारत में विस्तार

एलन मस्क की टेस्ला, जो पहले से ही वैश्विक बाजारों में एक प्रमुख नाम है, ने भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए कदम उठाया है। कंपनी ने मुंबई में बिक्री और सेवा से संबंधित 13 नई नौकरियों की पेशकश की है। इसके साथ ही ये भी संकेत मिल रहे हैं कि टेस्ला अपनी पूर्ण मॉडल लाइन-अप के साथ भारत में एंट्री करेगा।

भारतीय ऑटो बाजार में टेस्ला की एंट्री से भारतीय ऑटोमेकर्स पर बड़ा असर पड़ सकता है। हालांकि, टेस्ला की शुरूआत एक प्रीमियम ब्रांड के रूप में होगी, जो मुख्य रूप से जर्मन कंपनियों जैसे ऑडी, बीएमडब्ल्यू, और मर्सिडीज को प्रभावित करेगा। टेस्ला की मॉडल 3 की कीमत 50 लाख रुपये के आसपास हो सकती है, जो भारतीय उच्च मूल्य श्रेणी के कारों के मुकाबले अधिक होगी।

भारत में टेस्ला की संभावना

भारत में टेस्ला के आने से सबसे बड़ा असर जर्मन कार निर्माताओं पर पड़ सकता है। कंपनी ने अभी तक लो-कॉस्ट मॉडल की घोषणा नहीं की है, लेकिन इसके बजाय पूरी मॉडल लाइन-अप जैसे मॉडल 3 और मॉडल Y भारत में लाने की योजना बनाई है। इस प्रवेश के साथ ही भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार को भी एक नई दिशा मिल सकती है।

भारत में टेस्ला की एंट्री से महिंद्रा और टाटा जैसी कंपनियों को कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनकी कारें टेस्ला की कीमतों से कहीं कम हैं। महिंद्रा और टाटा ने भी EV मॉडल पेश किए हैं, लेकिन टेस्ला का प्रमुख ध्यान प्रीमियम और सुपर-लक्सरी कार सेगमेंट पर है।

आगे की योजना और प्रभाव

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय लोग टेस्ला के लिए इंतजार करते हैं या फिर मौजूदा ब्रांड्स जैसे महिंद्रा और टाटा की EV कारों पर ध्यान देते हैं। इसकी योजना और लॉन्चिंग के दौरान संभावित समय सीमा में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन भारतीय ऑटो सेक्टर में टेस्ला का कदम निश्चित रूप से हलचल मचाएगा।

एलन मस्क की टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपनी भर्ती प्रक्रिया को तेज किया है, जो इस बात का संकेत है कि कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पूरी मॉडल लाइन-अप के साथ एंट्री करेगी। इसके अलावा, यह भारतीय ऑटो सेक्टर में नई प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा, खासकर जर्मन कार निर्माताओं के लिए।

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