Mahakumbh 2025 Update: महाकुंभ 2025 में आस्था का सैलाब लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए उमड़ रहे हैं, जिससे भयंकर जाम की स्थिति बन गई है। प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की भारी भीड़ वहां पहुंच रही है। संगम तट तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को 6-7 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है, लेकिन आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही।
वीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं और गाड़ियों को शहर के बाहर ही रोक दिया गया है, फिर भी शहर के कई इलाकों में भयंकर जाम देखने को मिल रहा है। खासकर चुंगी से झूसी मार्ग तक यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। 15 मिनट का रास्ता तय करने में 2 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।
आखिरी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ 2025 का समापन भी होने जा रहा है। यही वजह है कि देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खास क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया है, जिसके तहत शहर से बाहर पब्लिक पार्किंग बनाई गई है। श्रद्धालुओं को यहीं पर गाड़ी पार्क कर पैदल संगम तट तक जाना पड़ रहा है।
इतनी कठिनाइयों के बावजूद लोगों के चेहरों पर कोई शिकन नहीं दिख रही, बल्कि आस्था और श्रद्धा का भाव नजर आ रहा है। भयंकर जाम और पैदल सफर के बावजूद भक्तगण हर हर गंगे और हर महादेव के जयकारे लगाते हुए संगम तट की ओर बढ़ रहे हैं।
60 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुंभ 2025 में अब तक 60 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रशासन के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं। प्रयागराज के हर कोने में श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आ रहा है।
भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन के जवान हर जगह तैनात हैं ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। लेकिन फिर भी भयंकर जाम के कारण स्थानीय लोग भी काफी परेशान हो रहे हैं। शनिवार और रविवार की छुट्टी का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए हैं, जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है।
पैदल यात्रा में भी आनंद महसूस कर रहे श्रद्धालु
भारी भीड़ और भयंकर जाम के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। मध्य प्रदेश से आए एक भक्त ने बताया कि, “गाड़ी से तो कभी भी यात्रा कर सकते हैं, लेकिन पब्लिक के साथ पैदल चलने में अलग ही आनंद आता है।” कई श्रद्धालु इसे एक धार्मिक अनुभव मानते हुए खुशी-खुशी पैदल यात्रा कर रहे हैं।
बीजेपी के एक विधायक भी आम श्रद्धालुओं के साथ पैदल यात्रा करते नजर आए। उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए कहा कि प्रशासन ने बेहतर प्रबंध किए हैं, लेकिन भयंकर जाम के कारण यात्रा काफी कठिन हो गई है।
आखिरी स्नान से पहले प्रयागराज पूरी तरह श्रद्धालुओं के रंग में रंग चुका है। संगम तट की ओर बढ़ती भीड़ और हर हर गंगे के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज रहा है। महाकुंभ का यह नजारा अगले 12 साल बाद ही देखने को मिलेगा, इसलिए हर कोई इस पावन अवसर का लाभ उठाना चाहता है।