मोबाइल की लत बना रही है आपको बीमार क्या आप भी बिना फोन रह नहीं पाते

आजकल हर उम्र के लोग फोन में इतने खो जाते हैं कि उन्हें समय का अंदाजा ही नहीं रहता। खासतौर पर किशोर और युवा दिनभर स्क्रीन पर स्क्रॉल करते रहते हैं। भारत के आंकड़ों के अनुसार, वहां के युवा औसतन तीन घंटे रोज़ फोन पर बिताते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह 10-15 घंटे तक भी पहुंच सकता है।

फोन की लत बढ़ती समस्या

फोन का अत्यधिक इस्तेमाल एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जब कोई व्यक्ति फोन के बिना बेचैनी महसूस करने लगे, तो यह लत का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कई किशोर अपनी सोशल लाइफ छोड़कर फोन पर अधिक समय बिताने लगे हैं, जिससे उनकी मानसिक और सामाजिक सेहत प्रभावित हो रही है।

बाजल के एक अस्पताल में इस समस्या पर शोध किया गया, जहां माता-पिता ने चिंता जताई कि उनके बच्चे स्क्रीन के बिना नहीं रह सकते। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लत मस्तिष्क में डोपामिन की बढ़ती मांग से जुड़ी है, जिससे व्यक्ति बार-बार फोन का उपयोग करने के लिए मजबूर हो जाता है।

फोन से दूरी कैसे बनाएं?

अगर आपको भी फोन के बिना बेचैनी महसूस होती है, तो यह लत का संकेत हो सकता है। इसका हल यह है कि स्क्रीन टाइम को सीमित करें और असली दुनिया में अपनी रुचियां बढ़ाएं। मनोचिकित्सकों के अनुसार, फोन से थोड़ी दूरी बनाकर खुद को अन्य गतिविधियों में व्यस्त रखना जरूरी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि फोन की लत को तोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए। नींद को प्रभावित करने वाले देर रात के स्क्रीन टाइम से बचें और रियल लाइफ इंटरैक्शन बढ़ाएं। अगर यह आदत बेकाबू हो रही है, तो मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है।

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